गुजरात: वडोदरा के रहने वाले शिवम सोलंकी ने तेरह साल की उम्र में एक हादसे में अपने हाथ और पैर गंवा दिए थे। इस साल वो अपनी बारहवीं की परीक्षा दे रहे हैं, दसवीं की परीक्षा में शिवम ने इक्यासी प्रतिशत (81%) अंक हासिल किए थे। शिवम ने अपनी लगन के बल पर किसी तरह कोहनी से लिखना सीख लिया।
शिवम सोलंकी ने बताया कि, उसे अपने आप में उम्मीद है कि वह इस साल दसवीं कक्षा से भी ज्यादा अंक आएं। दसवीं की परीक्षा से बाहर गुना ज्यादा उत्साह इस परीक्षा के लिए है। साथ ही उसने बताया कि, वह अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए खूब पढ़ाई कर रहा है ताकि वह किसी के भी सहारे न रहें। वह अपनी मेहनत से कुछ करना चाहता है जिसके लिए उसका परिवार उसके साथ खड़ा है और उसकी हर परेशानी में उसका हौसला टूटने नहीं देते हैं।
आपको बता दें कि, गुजरात के वडोदरा के रहने वाले शिवम सोलंकी की तरह बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो हादसे का शिकार होने के बाद अपने हाथ- पैर हमेशा के लिए खो देते हैं। लेकिन शिवम जैसे बहुत ही बहुदर बच्चे बहुत कम देखने को मिलते है जो अपने इस कमजोरी को भूल कर भविष्य में आगे बढ़ जाता है।