मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र में लिखा कि ‘ सोलह विधायकों को (जिन्हें बंदी बना लिया गया है) रिहा किया जाए। उन्हें पांच, सात दिनों तक बिना किसी डर के अपने-अपने घरों में रहने दें ताकि वे एक स्वतंत्र फैसला ले सकें।
इसी के साथ ही सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को लिखे पत्र में आगे लिखा कि, ‘आपका विश्वास है कि मुझे 17 मार्च को मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट आयोजित करना चाहिए, अन्यथा यह माना जाएगा कि मेरे पास बहुमत नहीं है।
तो वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान और अन्य द्वारा मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा में तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू । कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में कल सुबह दस बजकर तीस मिनट पर सुनवाई होगी।
बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, कमलनाथ जी तू इधर-उधर की बात न कर भाई, जल्दी फ्लोर टेस्ट करा। दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा। अगर बहुमत में हैं तो भाग क्यों रहें हो। ये सरकार बहुमत खो चुकी है और बीजेपी आज उपलब्ध विधानसभा की संख्या के हिसाब से अब बहुमत में है।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले भी राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश के बाद छह मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटा दिया था। मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों के नाम, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, परद्युम्न सिंह तोमर और डॉ प्रभुराम चौधरी है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद से ही मध्यप्रदेश की राजनीति में जमकर उठापटक हो रही है।