मध्यप्रदेश में जारी सियासत के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने से पहले कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए अपनी सरकार की एक साल, तीन माह और चार दिन की उपलब्धियां गिनाई।
कमलनाथ ने भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शुरूआत से ही सरकार गिराने की कोशिश में लगी हुई थी। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी आरोप लगाते कहा कि महाराज ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रची।
कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में भावुक होकर कहा कि मुझे जनता ने पांच साल के लिए बहुमत दिया था। आज प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा कसूर क्या है। 15 महीनों से भाजपा साजिश रच रही थी विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने करोड़ो रूपये खर्च किए है।
कमलनाथ थोड़ी ही देर में राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर औपचारिक तौर पर राज्यपाल को अपनी इस्तीफा सौंप देंगे। बतातें चले कि गुरूवार को दिग्विजय सिंह ने स्वीकार किया था कि अब उनकी सरकार सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा था कि पैसे और सत्ता के दम पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है।