
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के मुख्यालय जमशेदपुर शहर के मानगो स्थित डिमना चौक से महज दो किलोमीटर अवध डेंटल कॉलेज से सटा एक गांव है रूपाईडांगा। यहां के लोगों को लॉकडाउन ने पशु-पक्षी खाकर जिंदा रहने को मजबूर कर दिया है। यहां के ग्रामीण राशन-भोजन न मिलने के कारण भूख लगने पर पक्षी मारकर खा रहे हैं।
करीब 80 घरों के इस गांव में अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, जबकि कुछ गाय का खटाल या सब्जी की खेती से जीविकोपार्जन करते हैं। लॉकडाउन की वजह से इनका काम-धंधा छूट गया है, जिससे इन्हें भोजन के लाले पड़ गए हैं। इनकी पीड़ा है कि शहर में सैकड़ों लोग व संस्थाएं भोजन बांट रही हैं, लेकिन उनके गांव में अभी तक कोई राशन या भोजन लेकर नहीं पहुंचा। इनका गांव एनएच-33 से सटा है। जब कभी दोपहर में ट्रक चालकों को खिचड़ी खिलाने वाले रूकते हैं, तो उनके गांव में हलचल मच जाती है। जो जिस हाल में रहता है, सड़क की ओर दौड़ पड़ता है। जो मौजूद रहा, उसकी थोड़ी-बहुत भूख मिट जाती है, बाकी अपने किस्मत को कोसते हुए घर में चले जाते हैं।