
कोरोना वायरस महामारी के बीच झारखंड सरकार ने लॉक डाउन से जूझते गरीबों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्हें क्रमश: 1000 रुपये और 2000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। ये पैसे सीधे उनके अकाउंट में भेजे जाएंगे। सोमवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। निर्णय के मुताबिक झारखंड के विभिन्न इलाकों में सपरिवार फंसे लोगों के लिए ₹1000 खाते में देने की अनुशंसा उस क्षेत्र के विधायक कर सकेंगे। किसी परिवार के मुखिया के झारखंड के बाहर फंसे होने की स्थिति में ₹2000 देने का प्रावधान किया गया है।
लोगों को फौरी मदद देने वाली इस योजना में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायक लोगों के नाम और खाता संख्या लिखकर उप विकास आयुक्त के पास अनुशंसा भेजेंगे। जिसके बाद खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यह राशि सीधे खाते में जाएगी। इधर 25 मार्च के बाद से देशभर में लागू लॉक डाउन पर निर्णय और अनुशंसा के लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बनाई गई है। इसमें रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन और राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता को सदस्य बनाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इस कमेटी के समन्वयक बनाए गए हैं। इसी कमेटी की अनुशंसा पर आगे लॉक डाउन को जारी रखने या किसी तरह की जरूरी छूट देने या लॉक डाउन हटाने पर निर्णय लिया जाएगा।
इधर विधायक मद से 25-25 लाख रुपये कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने पर खर्च करने की सहमति राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में बनी। कैबिनेट में लिए गए फैसले के मुताबिक राज्य के 7 जिले सूखाग्रस्त घोषित किए गए हैं। बोकारो, चतरा, पाकुड़, देवघर, गिरीडीह, गोड्डा और हजारीबाग को सूखा प्रभावित जिलों में शामिल किया गया है।