डाक विभाग पेंशनधारकों, बुजुर्गों के दर्द में उनका साथी बनने जा रहा है। डाक विभाग के निदेशक डीकेे पांडे का कहना है कि डाक विभाग जल्द ही एक योजना लेकर आ रहा है। जिसमें देश के गांवो से लेकर महानगर तक में रहने वाले लोगों कोे अब हर साल सरकार को अपने जीवित रहने का प्रमाणपत्र नहीं देना पडे़गा। इसकी जिम्मेदारी स्वयं डाक विभाग उठाएगा।
डीके पांडे ने यह भी कहा कि डाक विभाग लाभ को ध्यान में रखकर योजना नहीं बनता। हम लोगों की सुविधा पर ध्यान रखते हैं। इसलिए सत्यापन की कीमत 10 रूपये रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि डाक विभाग ने राज्यों और केंद्र सरकार के पेंशन भोगी पूर्व कर्मचारियों का डेटा तैयार कर लिया है। अब इसकी घोषणा करना बाकी है।
इसके बाद डाकिया खुद लोगों के निवास स्थान पर जाएगा। उनके जीवित रहने का सत्यापन करके सरकार के संबंधित विभाग को उसकी जानकारी देगा। इस तरह से लोगों को खुद के जीवित रहने का प्रमाणपत्र देने से आजादी मिल जाएगी।