
अलीगढ़ के अतरौली कोतवाली के गांव विधीपुर में दुल्हन के घर में बरात को रुके आज 23 दिन पूरे हो गए हैं। अब लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा होते ही बरातियों की बेचैनी बढ़ गई है। रेल व अन्य वाहनों के आवागमन बंद होने से अब तीन मई तक इनका यहां से निकलना मुश्किल है।
तीन मई को बरात को यहां रुके हुए 42 दिन हो जाएंगे, जो एक रिकॉर्ड होगा। उधर दूल्हे के गांव में उसकी मां व बहन घर पर अकेली हैं। दोनों तरफ से मोबाइल फोन पर बातचीत होती है तो केवल आज कल में निकलने का आश्वासन दिया जाता है।
तहसीलदार ऊषा सिंह ने मंगलवार को गांव में जाकर सभी बरातियों का हालचाल जाना और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। झारखंड के गांव वैलमी निवासी रामनाथ अपने बेटे विजय कुमार महतो की बरात लेकर 21 मार्च को विधीपुर आए थे।
22 मार्च को विधीपुर निवासी नरपत सिंह आर्य की बेटी सावित्री आर्य के साथ आर्य समाजी तरीके से शादी सम्पन्न हुई। 21 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से बरात में शामिल सभी 13 लोग यहीं फंसे हैं, जिसमें दूल्हा व उसके पिता के अलावा परिवार के भाई, मौसा, बहन व बहनोई भी शामिल हैं।
दुल्हन की भी विदाई नहीं हो सकी है। उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन हटने के बाद बराती दुल्हन को विदा कर यहां से निकल सकेंगे, लेकिन एक बार फिर लॉकडाउन 19 दिनों के लिए बढ़ जाने से इनकी यहां से निकलने की उम्मीद टूट गई।