
दिल्ली के निजामुद्दीन के बाद नालंदा में तबलीगी मरकज को लेकर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बिहारशरीफ की एक मस्जिद में तबलीगी मरकज का सम्मेलन हुआ था। इसकी सूचना जिला प्रशासन व पुलिस महकमे को मिली तो वे सकते में आ गए हैं।
हालांकि, खुलकर बोलने से नालंदा के डीएम योगेंद्र सिंह व एसपी नीलेश कुमार बच रहे हैं। लेकिन, गोपनीय सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन ने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा है। बिहारशरीफ तबलीगी मरकज के एक सक्रिय सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 14 व 15 मार्च को यहां सम्मेलन हुआ था। इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को जिला प्रशासन ने पत्र लिखकर इसकी सूचना दी है। सूत्रों ने बताया कि गोपनीय पत्र में 600 से अधिक लोगों के सम्मेलन में शामिल होने की बात कही गई है। इस सम्मेलन में करीब दर्जनभर लोग नालंदा जिले के थे। शेष अन्य जिलों से आए थे।
यह भी बताया गया कि नालंदा जिले के 60 से 70 फीसदी मुसलमान तबलीगी मरकज के सदस्य हैं। इसके प्रमुख मो. बिहारी थे। लेकिन, पिछले 4-5 साल से मरकज का कोई भी अमीर (अध्यक्ष) नहीं है। सक्रिय सदस्यों ने ही सम्मेलन की देखरेख की थी।