
मुंबई के बांद्रा और ठाणे के मुंब्रा में जुटी हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़ को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। सत्ताधारी शिवसेना ने इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा नेताओं ने घटना को पूर्वनियोजित बताते हुए कहा कि जहां पुलिस दो लोगों को एक साथ इकट्ठा नहीं होने दे रही है, वहां एक साथ हजारों लोगों की भीड़ कैसे जमा हो गई? इसकी जांच होनी चाहिए।
प्रवासी मजदूरों की भीड़ का मुद्दा उठने के बाद शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लेने से पहले प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि घटना पूर्व नियोजित थी।
राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश : कांग्रेस
कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी बांद्रा की घटना की विस्तृत जांच करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया पर चल रहे प्रचार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सौहार्द को बिगाड़ने और कोरोना के खिलाफ राज्य की लड़ाई को नकारने की कोशिश है। मीडिया को संबोधित करते हुए चव्हाण ने दक्षिण मध्य रेलवे का वह पत्र भी दिखाया, जिसमें प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेन चलाने की बात कही गई थी।
श्रमिक इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं और सरकार को लोगों को घर भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए। अभी भी सही योजना के साथ इनकी मदद की व्यवस्था की जा सकती है। नरेंद्र मोदी जी, भगवान के लिए इनकी मदद करें। पूरी घटना में रेलवे की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। – प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव