
कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी लड़ाई के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार की शाम शीर्ष अधिकारियो के साथ कोविड-19 पर बैठक की और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। गृह मंत्रालय की तरफ से इस बारे में राज्यों के साथ तालमेल को लेकर एक 24/7 कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों ने जिलों में आपात मोचन केंद्र को किया सक्रिय
केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि देश में जारी लॉकडाउन की वजह से लोगों के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्याओं के समाधान के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सभी जिलों में ‘आपात मोचन केंद्रों को सक्रिय कर दिया है।
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि मंत्रालय में स्थापित एक नियंत्रण केंद्र लोगों को 24 घंटे सहायता उपलब्ध करा रहा है और हेल्पलाइन 1930 तथा 1944 पर उनकी शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता संतोषजनक है। अधिकारी ने कहा कि एकल आपात प्रतिक्रिया नंबर 112 सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में काम कर रहा है। 112 मोबाइल एप संबंधित जगह का पता लगा कर तुरंत सेवाएं उपलब्ध कराता है। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग जनों द्वारा लॉकडाउन के दौरान इसका काफी इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि इन सभी सेवाओं की मदद से हम लॉकडाउन की अवधि के दौरान आपकी समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश में फंसे विदेशी नागरिकों की वीजा अवधि ऑनलाइन आवेदन मिलने पर तीन मई की आधी रात तक विस्तारित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे विदेशी नागरिक इस अवधि के दौरान यदि बाहर जाने का आग्रह करते हैं तो इसके लिए तीन मई के बाद और 14 दिन का समय दिया जाएगा तथा समय से अधिक रुकने को लेकर उनसे कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा।
24 घंटे में आए 957 नए केस, 36 लोगों ने तोड़ा दम
इधर, कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले 24 घंटे के दौरान 957 नए केस आए हैं और 36 लोगों की मौत हुई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, इसके बाद कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा बढ़कर देश में 14,792 हो गया है, जिनमें से 12,289 एक्टिव केस, 2015 डिस्चार्ज और 488 मौतें शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तमिलनाडु में 84 फीसदी, तेलंगाना में 79, दिल्ली में 63, आंध्र प्रदेश में 61 और उत्तर प्रदेश में 59 फीसदी मरीज के तार तबलीगी जमात कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देशभर के 14378 केस में 4291 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े हैं।