
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को लॉकडाउन की अवधि में वहां से वापस लाने के पक्ष में नहीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि इस तरह से सड़क मार्ग से लोगों के आने-जाने से लॉकडाउन की साथ खिलवाड़ होता है। यह कोरोना संक्रमण के लिहाज से काफी खतरनाक है। बतादें कि, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोटा में रह रहे अपने राज्य के विद्यार्थियों को लाने के लिए वहां बसें भेजी हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह समय वाहनों के परिचालन का नहीं है।
बिहार सरकार ने कोटा जिला प्रशासन के इस फैसले का विरोध करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को तीन दिन पहले पत्र भी लिखा है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अपने पत्र में साफ कहा है कि इससे लॉकडाउन के अनुपालन की भावना को ठेस पहुंचती है। बिहार की नाराजगी को व्यक्त करने वाले मुख्य सचिव के पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि पूर्व में नोएडा व गाजियाबाद से बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी कामगारों को यहां बसों में भरकर भेज दिया गया था।