
पटना: लॉकडाउन-2 में औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग चालू करने की छूट के बाद राज्य में मंगलवार तक करीब 1195 औद्योगिक इकाइयां चालू हो गई। बतादें कि, जिला उद्योग केंद्र में स्थिति 923 व बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) स्थित 272 इकाइयां है। कार्य चालू करने वाली इकाइयों में 235 फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र की है।
आपको बतादें कि, उद्योग मंत्री श्याम रजक ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों को चालू करने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया था। उद्यमियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए विभाग ने औद्योगिक इकाइयों को जीएसटी प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है। विभाग ने इस संबंध में सोमवार को संकल्प जारी किया है। जो भी पात्र इकाइयां जीएसटी प्रतिपूर्ति के आवेदन करेगी, उन्हें भुगतान किया जाएगा। 27 अप्रैल को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा उद्यमी योजना के चयन के लिए स्क्रीनिंग सह चयन समिति की बैठक होगी।
सड़कों के निर्माण का शुरू हुआ काम
ग्रामीण इलाकों में नयी सड़कों का निर्माण और टूटी सड़कों को दुरुस्त करने का काम फिर से शुरू हो गया है। ग्रामीण कार्य विभाग ने मंगलवार को पूरे प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य को हरी झंडी दे दी। हालांकि कोरोना के रेड जोन में ये कार्य फिलहाल बंद रहेंगे। लॉकडाउन के बाद से ही पूरे प्रदेश में ग्रामीण सड़कों का निर्माण और उनका मेन्टेनेंस पूरी तरह बंद था।
दरअसल, राज्य में 18936 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया जा रहा था जबकि निर्माण और मेन्टेनेंस से बाहर की 20 हजार किलोमीटर में से 18723 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति के बाद उनका निर्माण और मरम्मत का काम प्रारंभ कराया गया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण सारी योजनाएं फंस गई थी।
363277 मनरेगा श्रमिकों को मिला रोजगार
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि 7388 पंचायतों में 363277 मनरेगा श्रमिक लगातार काम कर रहे हैं। इनके माध्यम से 3.30 लाख मानव कार्य दिवस सृजित किए गए हैं। इस दौरान 6.5 करोड़ रुपए मजदूरी का काम हुआ है। प्रवासी श्रमिकों के आवेदन के आधार पर उन्हें जॉब कार्ड जारी किया जा रहा है।