
सीवान । जिले के कई डॉक्टर अपनी घर की परवाह किए बगैर कोरोना संक्रमित व संदेहास्पद मरीजों की इलाज में लगे हुए है। वे इस तरह के मरीजों के लिए भगवान सावित हो रहे है। कोराना पॉजिटिव के ठीक होने के बाद भी जहां लोग दूरी बना रहे है। वहीं डॉक्टर व कर्मी उसके इलाज में जुटे हुए है। जिले के पांच डॉक्टर अभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में सीधे तौर पर जुटे हुए है। इसमें तीन आयुष डॉक्टर व 8 एमबीबीएस विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल है।
कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर उसके इलाज के लिए दयानंद आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में केन्द्र बनाया गया है। वहीं पर उसे भर्ती किया गया है। जहां पर उसके इलाज में डॉक्टर दिन रात लगे हुए है। भर्ती मरीजों की सेहत में सुधार भी हो रहा है। जिले में कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की संख्या 30 पाई गई थी। इसमें से अभी तक 19 ठीक हो गए है। लेकिन अभी भी 11 मरीज मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती है।
पांच डाक्टर जिले में फाइटर बने
सिविल सर्जन ने बताया कि दो आयुष डॉक्टर वहां पर हमेशा रहकर इलाज कर कर रहे है। साथ ही डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो वहां पर दिन में राउंड कर जांच करती है। अगर किसी मरीज की कभी परेशानी बढ़ती है और हालत में आयुष डॉक्टरों को जरुरत महसूस होती है तो टीम को कॉल कर बुलाते है। वे वहां पर त्वरित गति से पहुंच कर इलाज करते है। इस तरह पांचों डॉक्टर जिले में कोराना फाइटर बन गए है। साथ ही इन डॉक्टरों पर जिले के लोगों की नाज भी है। इधर, इलाज में लगे डॉक्टर भी अपने घर का परवाह किए बगैर मरीजों की इलाज में लगे हुए है। जिस तरह देश संकट से जूझ रहा है। उसमें से डॉक्टर अपना योगदान देकर मरीजों को बचाने में लगे है। साथ ही इस बात की सार्थकता भी सिद्ध करने में लगे है।
आईसीयू केन्द्र में होती है प्रारम्भिक जांच
सदर अस्पताल में कोरना संदिग्ध जांच केन्द्र भी बनाया गया है। इस केन्द्र पर भी डॉ. सुनील कुमार सिंह व डॉ. मुकेश कुमार को लगाया गया है। वे भी अपने घर- परिवार की परवाह किए बगैर ड्यूटी कर रहे है। वहां पर अगर कोई कोराना संदिग्ध आता है तो उसे जांच के लिए दूसरे केन्द्र पर भेजा जाता है। जांच के लिए केन्द्र डीएवी पब्लिक स्कूल केन्द्र को बनाया गया है। आईसीयू केन्द्र में प्रत्येक शनिवार को डॉ. मुकेश कुमार की पदस्थापना की गई है। तीन सप्ताह पहले वे 89 संदेहास्पद मरीजों का इलाज किया। इस दौरान 10 मरीज ज्यादा संदेहास्पद पाए गए। उसे जांच के लिए डीएवी पब्लिक स्कूल केन्द्र भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि जब वे पहला ज्यादा संदेहास्पद मरीज को देखे, उस समय मरीज काफी घबराया हुआ था। अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखते हुए उसे प्रारम्भिक जांच की।
मेडिकल कॉलेज में तीन आयुष डॉक्टर लगें है इलाज में
कोराना फाइटर्स के रूप में तीन आयुष डॉक्टर लगे हुए है। वे आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के इलाज के साथ ही उसी केन्द्र पर रहते भी है। यानि उनके रहने के साथ ही वहीं पर खाना खाने का इंतजाम है। इसमें डॉ. अच्छेलाल, डॉ. आरके श्रीवास्तव, डॉ. हाफिज शामिल है।
ये डॉक्टर रोस्टर के अनुसार जाते है इलाज करने
डॉ. विरेन्द्र, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विजय, डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. रजी अहमद, डॉ. अहमद अली, डॉ. जितेन्द्र शामिल शामिल है। तीन- तीन डॉक्टरों की ड्यूटी अगल- अलग दिन के लिए निर्धारित की गई है।
प्रदीप कुमार है सबसे बड़ा कोरोना फाइटर
जांच केन्द्र के प्रभारी प्रदीप कुमार सबसे बड़ा कोरोना फाइटरर्स है। कारण कि उसी के नेतृत्व में मरीजों का स्वाब जांच के लिए लिया जाता है। इस तरह वे सीधे मरीजों के संपर्क में है। लेकिन वे भी सुरक्षा मानक अपनाते हुए काम में लगे हुए है।