
चीन ने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी में उसकी भूमिका की जांच की मांग पर पलटवार करते हुए इस महामारी के प्रति अमेरिकी कार्रवाई में खामियां बतायीं और मांग की कि अमेरिकी अपनी गलती स्वीकार करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार (27 अप्रैल) को नियमित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ”हम आशा करते हैं कि अमेरिका अपने लोगों और वैश्विक बिरादरी की चिंता पर कदम उठाएगा। शायद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को भी इस जांच में मदद के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह डब्ल्यूएचओ को भुगतान रोक रहे हैं क्योंकि उसने इस महामारी के खिलाफ पुख्ता कदम नहीं उठाये और चीन के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया दिखाया। अमेरिका डब्ल्यूएचओ के लिए सबसे बड़ा दानकर्ता है। चीन ने अमेरिका और अन्य देशों के इस आरोप को दृढ़ता से इनकार किया कि उसने इस महामारी के बारे में जानकारियां दबायीं, औ उसे संभावित दायरे से बहुत दूर दूर तक फैलने दिया। सबसे पहले चीन में ही पिछले साल इस वायरस का मामलासामने आया था।
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सोमवार को सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने एक टिप्पणी चलायी जिसमें अमेरिकी रिपब्लिकन नेताओं पर इस महामारी को लेकर चीन पर हमला कर राजनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया। शिन्हुआ ने कहा, ”दूसरों पर ठीकरा फोड़कर और लोगों का ध्यान बांटकर अपनी विफलताओं की लीपा-पोती करने की, अमेरिकी रूढ़िवादियों की कोशिश से उन लोगों को ही नुकसान होगा, जो इस महामारी से लड़ रहे हैं। उनके इस प्रयास से यह वैश्विक संघर्ष, और कठिन हो जाएगा।”
चीन में पिछले 24 घंटों में कोरोना के केवल तीन मामले
वहीं, चीन में जानलेवा कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के पिछले 24 घंटों में केवल तीन मामलों की पुष्टि हुई है और इस दौरान 80 मरीज ठीक हो गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य समिति ने सोमवार को बताया कि इन तीन मामलों में से दो मामले बाहरी है। समिति के अनुसार चीन में कोरोना के मामले बढ़कर अब 82,830 हो गए हैं और अब तक करीब 4633 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 77,400 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 700 लोगों का उपचार चल रहा है। इनमें 50 से अधिक संक्रमितों की हालत गंभीर बनी हुई है।