
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोराना संक्रमण को लेकर चलाए जा रहे घर-घर सर्वे में चमकी बुखार (एईएस) और जेई के संबंध में भी जानकारी ली जाय। जेई का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। यह भी निर्देश दिया है कि आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मी घर-घर जाकर लोगों को बताएं कि एईएस के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जाएं। बीमारी के संबंध में लोगों को जागरूक करें।
मुख्यमंत्री मंगलवार को एक, अणे मार्ग में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ एईएस और जेई की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और कई निर्देश दिए। आगे कहा कि आशा और आंगनबाड़ी कर्मी माता-पिता को बताएं कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाना है। एएनएम, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदीयां, स्थानीय जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी सेविका आपस में टीम बनाकर घर-घर जाकर अभिभावकों को इस बीमारी के संबंध में जानकारी दें। उन्हें सचेत करें। उन्होंने कहा कि वाहनों की गांववार टैगिंग करें और अस्पताल पहुंचने पर उनके तत्काल भुगतान की व्यवस्था करें। ताकि एईएस एवं जेई पीड़ित मरीजों को ससमय अस्पताल पहुंचने में कठिनाई न हो।
बच्चों को दूध पाउडर उपलब्ध कराएं
शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि एईएस से ज्यादा प्रभावित मुजफ्फरपुर के पांच प्रखोडं में मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत आच्छादित स्कूलों के बच्चों को 200 ग्राम दूध पाउडर उपलब्ध कराएं। बच्चों को अतिरिक्त पोषण के लिए न्यूट्रिशनल सपोर्ट डायट उपलब्ध करायी जाए। साथ ही इन प्रखंडों में जो 303 आंगनबाड़ी केन्द्र किराये के भवन में चल रहे हैं, उनके लिये जल्द से जल्द भवन निर्माण कार्य शुरू कराया जाय। बच्चों को दूध पाउडर उपलब्ध कराने को लेकर अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने आदेश भी जारी कर दिया।
वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब अन्य संस्थानों में स्थापित कराएं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब की सुविधा एसकेएमसीएच के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में भी स्थापित कराएं। मुजफ्फरपुर में पीआईसीयू शीघ्र प्रारंभ हो एवं संबंधित जिलों में पैडियाट्रिक वार्ड में पूर्ण तैयारी रखी जाय। अस्पतालों में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध रहें। अस्पतालों में पूर्ण साफ-सफाई एवं अन्य सुविधाओं पर विशेष निगरानी रखी जाय। जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एसओपी के अनुसार सारी व्यवस्था सुनिश्चित हो।