
पटना । बिहार के बाहर फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अब गठबंधन के सहयोगियों ने भी इस मामले को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि छात्रों को वापस लाना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है। उन्हें वापस नहीं लाने से हमें राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है। इससे पहले बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी छात्रों को वापस लाने के पक्ष में बयान दे चुके हैं।
बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने कहा, ‘छात्रों को वापस लाना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है। इस कारण राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है। उन्हें तीन मई से पहले छात्रों को वापस लाना चाहिए। इस साल चुनाव भी होना है। लगभग प्रत्येक मध्यम वर्गीय परिवार का एक बच्चा कोटा में पढ़ाई कर रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘भले ही एक हजार ही छात्र क्यों न हों लेकिन इससे एक लाख परिवार प्रभावित है। बच्चों के प्रति उनलोगों में सहानभूति है। यदि एक लाख परिवार में प्रत्येक के यहां पांच वोट हो तो कुल पांच लाख वोट प्रभावित होंगे। ऐसे में मैं मुख्यमंत्री से आग्रह कर रहा हूं कि वे छात्रों को कोटा और पुणे से वापस लाएं।’
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। इस कारण कोटा और अन्य जगहों पर पढ़ाई कर रहे बिहार के छात्र फंस गए हैं। वे लगातार अपने गृह राज्य वापस जाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। हालांकि बिहार सरकार अभी तक उन्हें लाने की कोई योजना नहीं बना पाई है। मुख्यमंत्रियों के साथ हुई प्रधानमंत्री मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान नीतीश कुमार ने साफ कह दिया था कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से छात्रों को बुलाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा था कि जबतक लॉकडाउन के नियमों नें संशोधन नहीं होता, तबतक हम ऐसा नहीं करेंगे।