
पटना। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के धीमे काम की गति अब तेज होगी। राज्य सरकार ने नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर को पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. (पीएमआरसीएल) का प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया है। केंद्र पहले ही शिवदास मीना को पीएमआरसीएल का चेयरमैन नियुक्त कर चुका है। इसी के साथ पीएमआरसीएल अब केंद्र और राज्य सरकार की 50-50% हिस्सेदारी वाला साझा उपक्रम बन गया है। अभी तक यह राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी थी। अब इस प्रोजेक्ट के तमाम फैसलों में केंद्र का भी दखल रहेगा।
पटना मेट्रो के निर्माण के लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया गया था। इसमें केंद्र और राज्य की बराबर की हिस्सेदारी है। केंद्र सरकार दो किस्तों में सौ करोड़ रुपये दे भी चुकी है। नियमानुसार एसपीवी में चेयरमैन सहित पांच निदेशक केंद्र के और प्रबंधक निदेशक सहित पांच निदेशक राज्य के होने हैं। केंद्र ने महीनों पहले निदेशक नियुक्त कर दिए थे। अब राज्य सरकार ने भी पांच निदेशक नियुक्त कर दिए हैं।
मेट्रो के लिए भूमि अधिग्रहण को विशेष कोषांग गठित
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण के लिए एक विशेष कोषांग का गठन किया गया है। इस कोषांग के प्रभारी बिहार प्रशासनिक सेवा के उप समाहर्ता स्तर के सेवानिवृत्त पदाधिकारी होंगे। इस कोषांग में तीन सर्वेक्षक, तीन अमीन और एक आईटी असिस्टेंट की भी नियुक्ति की जाएगी। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) के एमडी आनंद किशोर ने कहा है कि पीएमआरसीएल की वेबसाइट पर जल्द इन पदों पर नियुक्ति की जानकारी उपलब्ध होगी। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ ही सभी आवश्यक कागजात पीएमआरसीएल के कार्यालय में भी जमा कराने होंगे। जल्द विज्ञापन जारी होगा।
उधर, विभाग भूमि अधिग्रहण के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव व पटना के डीएम को पीएमआरसीएल की ओर से पत्र भी भेजा जा रहा है। ताकि जमीन अधिग्रहण जल्द हो सके। वहीं आनंद किशोर ने पटना के सीओ सदर को निर्देश दिया है कि भूमि सर्वेक्षण के लिए दो अमीनों को रखकर कार्य लिया जाए। इनके पारिश्रमिक का भुगतान पीएमआरसीएल करेगा।