
Jharkhand Government मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे छात्र-छात्राओं और प्रवासी श्रमिकों का वापस लौटना शुरू हो गया है। जो श्रमिक छूटे हैं, वे धैर्य रखें, सभी को वापस लाना सरकार का दायित्व है। दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों को लाने के लिए लोग अपनी निजी वाहन की भी अनुमति ले सकते हैं। शनिवार को सीएम दक्षिणी एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ट्रेन, बस के अलावा जरूरत पड़ी तो हवाई जहाज का भी उपयोग मजदूरों Jharkhand People को लाने में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेल्लोर और चेन्नई में इलाजरत लोगों को भी वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी सूची बना ली है ताकि हम उन्हेंं सकुशल घर वापस ला सकें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर झारखंड लौटेंगे। ऐसे में वापस लौट रहे मजदूरों की स्वास्थ्य जांच एवं क्वारंटाइन इत्यादि को लेकर चुनौतियां बढ़ेंगी।हमें अपनी तैयारियों से इन चुनौतियों से पार पाना होगा। जांच प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक बार में सभी मजदूरों को वापस लाना संभव नहीं है। छूटे हुए मजदूर धैर्य रखें बारी-बारी से उन्हेंं लाने का निरंतर प्रयास राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। उन्होंने कहा कि वैसे मजदूर जिनको वापस झारखंड आना है और वह मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल एप के माध्यम से रजिस्टर नहीं हो पाए हैं वे अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करा लें। राज्य सरकार जल्द ही एक नया एप शीघ्र बनाएगी जिस पर विभिन्न प्रदेशों में ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे मजदूर ट्रैक किए जा सकेंगे।