
लातेहार: मुसीबत के दौर में दूसरों के काम आना ही इंसानियत है। रविवार को लातेहार जिले के चंदवा के कामता बेलवाही निवासी करीब 47 वर्षीय मकुन गंझु के निधन पर इंसानियत की मिसाल देखने को मिली। उनके निधन की खबर सुनते ही मोहल्ले के मुस्लिम समुदाय के लोग मृतक के घर पहुंचे और शोक संतत्त परिवार को न सिर्फ ढांढस बंधाया, बल्कि मृतक की अर्थी भी सजाई। बताया गया कि गांव में सिर्फ मृतक के दिब्यांग पिता, पत्नी, दो छोटे-छोटे बेटे और एक बेटी है।
लॉकडाउन के कारण मृतक मकुन गंझु के सगे संबंधी नहीं पहुंच सके। ऐसे में गांव में रहने वाले हिंदु पड़ोसियों के अलावे मुस्लिम भाइयों ने इसके अंतिम संस्कार में शामिल होकर गंगा जमुनी तहजीब का उदाहरण पेश किया। जानकारी के अनुसार 29 अप्रैल को इन्हे लकवा के साथ ब्रेन हैमरेज हुआ था। इसी दिन इसे स्थानिय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। लॉकडाउन अर्थाभाव के कारण परिजन बेहतर इलाज के लिए बाहर नहीं ले जा सके। 3 मई रविवार को उनका निधन हो गया। लॉकडाउन के कारण रिस्तेदार नहीं आ सके। इस कारण उनका संस्कार करने के लिए इनके समुदाय के साथ मोहल्ले के मुस्लिम समाज के लोग भी आगे आए।
हिंदू, मुस्लिम दोनों समाज मिलकर शवयात्रा निकाली। रीति रिवाज के मुताबिक सनेबोथवा घाट पर इनके छोटे बेटे धनेश्वर गंझु ने मुखाग्नि दी। शवयात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान, ग्राम प्रधान पचु गंझु, असगर खान, बाबर खान, मोकतार खान, जसमुदीन खान, सफीक खान, अमरुल खान, इबरान खान, नरेश भगत, आलम खान, अमरुल खान, माड़ु गंझु, जितन गंझु, लक्षमन मुंडा, सुधन गंझु, सुनील गंझु, मनु उरांव, बसंत राम शामिल हुए।