
पटना। आप्रवासी कामगारों को बिहार लाने को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा 2008 में कोसी नदी में आई बाढ़ के दौरान तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मुफ्त में ट्रेनें चलाई थीं। तेजस्वी ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी आप्रवासी कामगारों की धर वापसी के लिए बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेनें देने को तैयार है। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पेशल ट्रेनों के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा है कि इनके किराया के लिए किसी को चिंता करने की बात नहीं है, राज्य सरकार किराया देगी।
विदित हो कि ट्रेनों का किराया कामगारों से लिए जाने को लेकर तेजस्वी ने आरोप लगया कि केंद्र एवं राज्य की गरीब विरोधी सरकारें घर लौटने के लिए तैयार कामगारों के किराए का भार नहीं उठा रही हैं। इसलिए वे आरजेडी उक्त ट्रनों का किराया देगा। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को किराया को लेकर स्थिति स्पष्ट की।
मुख्यमंत्री बोले: सरकार देगी ट्रेनों का किराया
मुख्यमंत्री ने देशभर में फंसे आप्रवासी बिहारियों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेनों की मांग मान लेने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन ट्रनों के किराए को लेकर लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसी से भी टिकट के पैसे नहीं लिए जाएंगे। सरकार ट्रनों का किराया देगी।
ट्रेनों का प्रबंध करे सरकार, आरजेडी देगा किराया
इसके पहले तेजस्वी यादव ने कहा था कि देश भर से बिहारी आप्रवासी कामगारों को घर लाने के लिए आरजेडी 50 ट्रेनों को किराया बिहार सरकार को देगा। सरकार पांच दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करे। उनकी पार्टी कामगारों की तरफ से ट्रेनों का किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगा। आरजेडी यह राशि चेक के माध्यम से देगा। तेजस्वी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी एवं राज्य की नीतीश सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य सरकार एक तरफ सबको एक-एक हजार रुपये देने का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी तरफ लौटने के लिए तैयार गरीबों से किराया मांग रही है।
कोसी त्रासदी के दौर में लालू ने दी थी फ्री ट्रेनें
इसके पहले अपने पिता लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेल मंत्री के कार्यकाल का हवाला देते हुए तेजस्वी ने यह भी कहा था कि 2008 में जब कोसी नदी की बाढ़ में लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ था, तब उन्होंने फ्री में ट्रेन चलाई थीं। बिहार के मात्र चार-पांच जिलों के लिए ही केंद्र से एक हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिलवाया था। सीएम राहत कोष में भी 90 करोड़ दिलवाया था और खुद भी एक करोड़ की मदद दी थी। बिहार में उस वक्त भी नीतीश कुमार की ही सरकार थी।