
लॉकडाउन के बीच जमशेदपुर से सटे दलमा जंगल में शिकार पर्व सेंदरा के दौरान आदिवासियों की ओर से सोमवार को 13 हिरण और दो सूअर समेत कई जानवरों के शिकार करने की आशंका है। हालांकि वन विभाग का कहना है कि जानवरों का शिकार नहीं हुआ है।
दलमा में कई जगहों पर वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ सेंदरावीरों की नोकझोंक भी हुई। कुछ जगहों पर शिकारियों से जाल, फांस आदि जब्त भी किए गए। बोड़ाम क्षेत्र से घुसे सेंदरा वीरों ने अंधेरे का लाभ उठाते हुए शिकार को उतारा। शिकार लेकर लौट रहे शिकारियों के तीन दलों ने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया। संथाली में बोले- उनी द रेंजर साहेब रेन सीआईडी मेनाकोआ, फोटो द आलोपे हाताओ हच व आकोआ (आपलोग रेंजर साहब का सीआईडी है, आपलोग फोटो मत लीजिए)। चार अन्य दलों ने चेहरे को गमछे से ढंककर फोटो खिंचवाई। सोमवार रात 8 बजे तक दलमा की तलहटी पर बसे गांवों के लोगों ने 10 हिरण व एक सूअर का शिकार किया, जो 7 दलों में शामिल थे।
दलमा राजा की बात भी नहीं माने : कोरोना व लॉकडाउन को देखते हुए दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम ने सेंदरा नहीं मनाने का निर्णय लिया था। उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करने का संकल्प लेते हुए समाज के लोगों को सेंदरा नहीं मनाने का आह्वान किया था, लेकिन सेंदरावीर नहीं माने। नीमडीह में तीन हिरण और एक जंगली सूअर सहित कुल पांच जानवरों के मारे जाने की खबर है। वन विभाग का दावा है कि सेंदरा में वन्य प्राणियों की रक्षा के लिए 9 जिलों के वन अधिकारी और सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात थे। वे एनएच-33 पर पहरेदारी करते रहे और सेंदरावीर जंगल में घुसे व शिकार करके लौट गए। हालांकि रेंज अफसर दिनेश चंद्रा ने कहा कि दलमा में कहीं कोई शिकार नहीं हुआ है।