
जमशेदपुर. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) ने कहा कि जेपीएससी की छठी (6th JPSC) सिविल सेवा परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आ रही है. सरकार जल्द एक कमिटी गठित कर इसकी जांच कराएगी. शिक्षा मंंत्री के मुताबिक इस परीक्षा में पास को फेल, तो फेल को पास कर दिया गया है. कट ऑफ मार्क्स में भी गड़बड़ी शिकायत है. किसी परीक्षा को लेकर जब बड़े पैमाने पर संदेह पैदा हो, तो संदेह को दूर करना जरूरी होता है. इसलिए जल्द ही इस सिलसिले में हाईलेवल कमिटी गठित होगी.मंत्री ने कहा कि इस मामले में आंदोलन करने वाले युवाओं को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है. सरकार खुद पूरे मामले की जांच करेगी. बता दें कि छठी जेपीएससी के रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थियों में काफी रोष है. परीक्षार्थियों का कहना है कि जेपीएससी के नियम के मुताबिक पेपर एक की परीक्षा क्वालिफाइंग है. यह पेपर 100 अंक का है. इसमें दो खंड होते हैं. 50 हिंदी और 50 अंग्रेजी, इसमें पास के लिए 30 अंक लाना होता है. लेकिन जेपीएससी ने इस शर्त का उल्लंघन किया हैपरिक्षार्थियों के मुताबिक फाइनल रिजल्ट में जेनरल केटेगरी के लिए कटऑफ 600 तक किया गाय था. परीक्षा में बीसी और एससी-एसटी के कई छात्र 600 से अधिक अंक लाकर जेनरल केटेगरी में चयनित हुए, लेकिन उनकी प्राथमिकता वाले सेवा चुनाव को किनारा कर नियम के खिलाफ मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई है. एक ही केटेगरी में कम अंक हासिल करने वाले उम्मीदवार का चयन प्रशासनिक सेवा में हो गया, जबकि दूसरे का नहीं. आयोग ने फाइनल मेरिट लिस्ट का कटऑफ न ही मार्क्सवाइज और न ही सेवा के अनुसार जारी किया है. इस सिलसिले में विधायक दशरथ गागराई ने सीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है. बता दें कि छठी जेपीएससी परीक्षा शुरू से विवादों में रही है. हाल ही में परीक्षा के नतीजे घोषित किये गये, जिसमें 325 अभ्यर्थी हुए हैं.