
रांची. राज्य में कोरोना के 128 मरीज मिल चुके हैं। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में डॉक्टर संक्रमण के खतरे के बीच इनका इलाज कर रहे हैं। फिर भी जज्बे में कोई कमी नहीं है। ऐसे ही एक कोरोना वॉरियर रिम्स के कोविड सेंटर में ड्यूटी कर रहे सीनियर रेजिडेंट डॉ. संजय सिंह बताया कि इस जंग के मोर्चे पर वह कैसे खुद को मुस्तैद रखते हैं। डॉ. संजय बताते हैं कि उन्होंने अब तक घर वालों को नहीं बताया है कि उनकी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगी है। घर पर बात तो रोज करते हैं, मगर बताते नहीं हैं…वरना घरवाले चिंता करेंगे। बुधवार को उनकी ड्यूटी खत्म हो गई…क्वारेंटाइन में जाएंगे तो घर वालों को सच भी बता देंगे।डॉ. संजय रिम्स के पेइंग वार्ड में बने आइसोलेशन वार्ड में ही रहते हैं। अभी उनके साथ डॉ. संदीप, डॉ. कमाल, डॉ. सुचिता, डॉ. सत्येंद्र, डॉ प्रकाश कोविड वार्ड में ड्यूटी पर है। ड्यूटी से पहले फोन पर परिजनों से बात जरूर करते हैं
फिर ट्रॉमा सेंटर में जाकर पीपीई किट पहनना पड़ता है। मास्क, ग्लव्स तो हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही पहने रहते हैं। सैनिटाइजेशन के बाद पर्सनल प्रोटक्शन किट का नया सेट पहन कर तैयार होते हैं।
अभी पूरे वार्ड में करीब 54 मरीज भरती हैं। डॉ. संजय बताते हैं कि कई मरीज कंफर्टेबल हैं। लेकिन कई मरीज पैनिक है।
ऐसे में मरीजों को समझाना पड़ता है। कई मरीज सोचते हैं कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है फिर क्यों रखा है। उन्हें समझाना पड़ता है।ड्यूटी खत्म कर वापस पेइंग वार्ड पहुंचते हैं तो एक बार फिर परिवार वालों से बात करते हैं।