
लॉकडाउन के कारण शिक्षा के बदलते स्वरूप को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसमें स्कूल के शिक्षकों के साथ प्राचार्य भी हिस्सा ले सकेंगे। इसके माध्यम से शिक्षक शिक्षण प्रक्रिया में हो रहे बदलाव के मुताबिक खुद को ढाल पाएंगे। इस संबंध में सीबीएसई की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है। इसके मुताबिक यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा। प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को ई-सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। सीबीएसई की तरफ से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम देश भर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्रों में कराया जाएगा। झारखंड के शिक्षक इसके लिए पटना केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।प्रोग्राम में हर ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र एक घंटे का होगा। पांच सत्रों में भाग लेने को एक दिन के प्रशिक्षण के बराबर माना जाएगा। सीबीएसई ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट cbse.nic.in पर मई महीने का शेड्यूल जारी किया है। इसके साथ ही वहां प्रशिक्षण में शामिल होने की गाइडलाइन्स भी जारी की हैं। बोर्ड की की ओर से सभी स्कूलों को अपने शिक्षकों को इसमें शामिल कराने का निर्देश दिया है।सीबीएसई के मुताबिक, अप्रैल 2020 के तीसरे हफ्ते में पायलट प्रोग्राम की शुरूआत की गई थी। इसके तहत देशभर के 15 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से 500 से अधिक फ्री टीचर ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए। इन सेशन में देश और विदेश के 35 हजार से अधिक शिक्षक और प्रिंसिपल ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। इसे ध्यान में रखते हुए इसकी शुरुआत देश भर में की गई है। इन कार्यक्रमों के जरिए अध्यापकों को बेहतर ढंग से शिक्षण और बेहतर परिणामों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर के मुतबिक इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को समय के मुताबिक ढालना है। ताकि शिक्षक बच्चों की उम्मीद और मांग और जरूरतों की मांग को पूरा कर सकें। बोर्ड ने कहा है कि इसमें कोई दोमत नहीं है कि कोरोना के कारण पूरी शिक्षण व्यवस्था तबाह हो गई है। ऐसे में बेहतर शिक्षण पद्धिति के लिए शिक्षकों को अपने अंदर भी बदलव लाने होंगे। उन्हें कहा कि शिक्षकों को समय-समय पर सभी चीजों की जानकारी दी ई है। अब उसे बेहतर बनाकर इस्तेमाल करने की जरूरत है।