
पटना। बिहार में शनिवार को पहला मरीज शेखपुरा के शेखोपुरसराय का मिला है। शेखपुरा में यह दूसरा कोरोना पोजिटिव मिला है जो सूरत से आया है और जिले के अभ्यास मिडिल स्कूल में बने क्वारनटाईन सेंटर में रह रहा था। पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद इसे शेखपुरा के ही आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके साथ रह रहे अन्य लोगों की भी जांच कराई जाएगी। मेडिकल टीम ट्रैवेल हिस्ट्री पता कर रही।
शेखपुरा जिले में 28 अप्रैल को पहला केस सामने आया था। युवक मुंबई से लौटा था। वह शेखपुरा के ही आईसोलेशन वार्ड में भर्ती है। परसों उसकी दूसरी जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। सिविल सर्जन ने कहा कि अगर तीसरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई तो युवक को इलाज के लिए पटना भेजा जाएगा।
पिछले 24 घंटे में कुल 30 नए मरीज मिले हैं, जिसके बाद मरीजों की कुल संख्या 580 हो चुकी है। अबतक पांच मरीजों की कोरोना से मौत हो गई है। राज्य के 38 जिलों में अबतक 36 जिलों में कोरोना ने अपने पैर पसार लिए हैं। हालांकि इससे संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
वायरस की प्रकृति पहेली जैसी
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि काफी प्रयास के बावजूद खेमनीचक, खाजपुरा चेन, आइजीआइएमएस की नर्स, दो साल दो माह के बच्चे समेत कई मामले हैं, जिनमें यह सही-सही पता नहीं चल सका है कि वे कैसे संक्रमित हुए। वायरस की प्रकृति अभी तक पहेली जैसी है। एक ओर संक्रमित मां का दूध पीने वाले बच्चे की रिपोर्ट बार-बार जांच कराने पर भी निगेटिव आती है तो दूसरी ओर इलाज के लिए अस्पताल गया दो साल का बच्चा बिना किसी के संपर्क में आए संक्रमित हो जाता है।
वहीं पीएमसीएच के कोरोना नोडल प्रभारी डॉ. पूर्णानंद झा के अनुसार व्यक्ति की इम्यून पावर इसमें सबसे प्रभावी है। वहीं मलेरियल जोन, मौसम की प्रकृति से भी वायरस स्ट्रेन माइल्ड या स्ट्रांग हो सकता है।