
धनबाद में वर्ष 2014 में सरकारी प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों में चापाकल लगवाने में सरकारी राशि का दुरुपयोग, गबन और सरकारी निर्देश का उल्लंघन करने के आरोप में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) बांके बिहारी सिंह को सरकार के निर्देश पर शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। इस संबंध में सरकार के विशेष सचिव भीष्म कुमार की ओर से शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई। ज्ञात हो कि बांके बिहारी सिंह वर्ष 2018 के दौरान पूर्वी सिंहभूम के भी डीएसई रह चुके हैं।
वर्ष 2014 में झारखंड अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के महासचिव रामनारायण सिंह ने चापाकल घोटाले की शिकायत विभागीय सचिव, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में की थी। बकौल, अंकित आनंद, शिकायत के बाद डीएसई बांके बिहारी सिंह द्वारा शिक्षक नेता रामनारायण सिंह को प्रताड़ित करते हुए अनुशासनहीनता के झूठे आरोप में छह महीने से अधिक समय तक निलंबित रखा गया था और तीन वेतन इंक्रीमेंट भी काट दिया गया। बाद में बांके बिहारी का जामताड़ा स्थानांतरण कर दिया गया। बाद में शिक्षक नेता के समर्थन में अंकित आनंद ने भी बांके बिहारी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मामले को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ट्वीट करते हुए कार्रवाई की मांग की गई। अंतत: 2014 से लंबित इस मामले में शुक्रवार को सरकार की ओर से जांच का आदेश दिया गया। साथ ही जांच अवधि में साक्ष्य से छेड़छाड़ न हो सके, इसके आलोक में बांके बिहारी सिंह को तत्काल निलंबित करते हुए मुख्यालय में सेवा देने का आदेश दिया गया है। उनके स्थान पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जामताड़ा का अतिरिक्त प्रभार संथाल परगना प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को सौंपा गया है। वहीं, दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक को जामताड़ा जिले में डीएसई का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।