
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा शनिवार को अपने जिला कार्यालय में विरोध दिवस मनाया गया। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ठोस योजना बनाए बिना कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसके कारण प्रवासी मजदूरों का रोजगार खत्म हो गया और भूखे-प्यासे लोग पैदल घर के लिए निकल पड़े। इससे कई मजदूरों की मौत रोड और रेलवे लाइन पर हो रही है। ये मौतें सरकार की नाकामयाबी का परिणाम है।
वक्ताओं ने सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त घर वापसी, मजदूर-छात्रों को घर लाने के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, आयकर के दायरे से बाहर के नागरिकों के खाते में 10-10 हजार रुपए जमा कराने और गरीबों के लिए मुफ्त राशन मांग की। कहा कि शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए धनबाद में बंद भवन निर्माण, ट्रक लोडिंग, ईंट भट्ठा, मनरेगा सहित अन्य कार्य स्थल पर काम चालू कराया जाए। मौके पर माकपा के साथ सीटू, बीएसएसआर यूनियन, बीसीकेयू, एलआईसी यूनियन जैसे संगठन से असीम हालदार, भारत भूषण, हेमंत मिश्रा, संदीप अईच, अरिंदम विश्वास, लीलामय गोस्वामी, अनिल सिन्हा, रामकृष्णा पासवान आदि लोग मौजूद थे।