
रांची. सरकारी महकमे के काम करने का तरीका वैसे भी आम लोगों के बीच चर्चा में रहता है. फाइल पर जमी धूल और निपटारे के लिए लगी लंबी लाइन की कहानी कोई नई नहीं है. अब समय बदला है, क्योंकि टेक्नोलॉजी (Technology) भी बदल चुकी है. यानी अब आपको किसी काम के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. आपको हर सरकारी काम के निपटारे के लिए इंटरनेट के उपयोग करने की सलाह दी जाती है. इसके बावजूद कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ई-पास जारी करने के लिए बनी वेबसाइट सरकारी दफ्तरों में होने वाली लेटलतीफी की याद दिला रही है.दरअसल, लोगों को ई-पास के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है, जिसके लिए एनआईसी ने वेबसाइट बनाई है. अब यह व्यवस्था समस्या को सुलझाने के बजाए इसे और बढ़ाने का काम कर रहा है. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक इस वेबसाइट पर लॉगइन कर इसकी अपडेट जानकारी लेना चाह रहे हैं, लेकिन संबंधित आवेदक को न तो एसएमएस से कोई जानकारी मिल रही है और न ही ई-मेल के माध्यम से. खबर के अनुसार, यहां पर्सनल डिटेल जब मांगा जा रहा है तो इसमें ईमेल की भी जानकारी नहीं ली जा रही है. वहीं, पास बनाने के लिए बिहार और पश्चिम बंगाल में किए गए इंतजाम को देखकर इन राज्यों की स्थिति को यहां से काफी बेहतर माना जा सकता है. वहां ई-पास बनने के बाद संबंधित आवेदक को इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजने के साथ ही पास का लिंक भी भेजा जा रहा है. इस लिंक को क्लिक करने पर पीडीएफ फाइल में पास आसानी से दिख रहा है.इसकी शिकायत करते हुए आवेदकों ने कहा कि इसके लिए आवेदन करने के बाद कई बार लॉगइन कर चेक किया गया. आवेदकों का कहना है कि इसकी जानकारी एसएमएस या ई-मेल के माध्यम से मिलती तो परेशानी नहीं होती