
इस वक्त कोरोन वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन जारी है. जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे तमाम राज्य पूरी मुस्तैदी से अपने लाखों प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में लगे हुए हैं. वहीं, छठी स्पेशल स्पेशल ट्रेन (Shramik Special train) सोमवार को गया जंक्शन पहुंची जिसमें बच्चों समेत कुल 1362 यात्री सवार थे. इन सभी यात्रियों की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए स्क्रीनिंग करायी गयी और फिर बसों से संबंधित जिला के लिए रवाना किया गया. बस में बैठने से पहले इन सभी यात्रियों को एक-एक फूड पैकेट और पानी की बोतल दी गयी. हालांकि स्क्रीनिंग के दौरान कई बच्चों समेत कुल 21 यात्री संदिग्ध पाए गए, जिन्हें स्टेशन के पास ही एक होटल में आइसोलेट किया गया है. फिलहाल स्वास्थय विभाग की टीम इन सभी का सैंपल लेकर जांच के लिए पटना भेजेगी.सूरत से बिहार के विभिन्न जिलों के लिए आये इन यात्रियों ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए कहा कि ट्रेन में बैठने से पहले उनसे किराये के रूप में पैसे वूसले गए. इन यात्रियों ने 600 से लेकर 900 रुपया तक प्रति यात्री खर्च होने की बात कही. सूरत में दैनिक मजदूरी करने वाले त्रिवेणी पांडेय ने कहा कि वे वहां दिहाड़ी मजदूरी करके कुछ राशि कमाते थे. लॉकडाउन में बचत का सारा पैसा खत्म हो गया, इसलिए वे वापस घर आ गए हैं. लॉकडाउन के बाद स्थिति सामान्य होने पर वे फिर से सूरत जाएंगे. वहीं, महिला यात्री मालती देवी ने बताया कि वे अपने पति और बच्चों के साथ सूरत में रहते थे. लॉकडाउन के दौरान उन्हें खाने पीने को लेकर काफी तकलीफ हुई, लिहाजा घर वापसी के अलावा पास कोई रास्ता नहीं था. जब उन्हें ट्रेन के खुलने की जानकारी मिली तो उन लोगों ने टिकट करवा लिया और फिर अपने घर वापस आ गए.