
छठी झारखंड लोक सेवा आयोग के परिणाम जारी हो चुके हैं, लेकिन इस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेपीएससी की पीटी परीक्षा में जहां आरक्षण के आधार पर दोनों विषयों में क्वालीफाइंग नंबर लाना आवश्यक था, वहीं मेंस परीक्षा में इसका पालन नहीं किया गया। मेंस में सभी पेपर मिलाकर आरक्षण कोटि के आधार पर परिणाम निकाला गया।
इस मामले में 2018 में झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला भी दिया था, जिसमें पीटी के दोनों विषयों में निर्धारित क्वालीफाइंग मार्क्स लाने पर ही अभ्यर्थी पास होगा, बावजूद इसके मेंस में हाईकोर्ट के इस फैसले का पालन नहीं किया गया। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें निर्धारित क्वालीफाइंग नंबर कम होने के बावजूद मेंस क्वालीफाई कराया गया और इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि अगर कोई अभ्यर्थी सभी विषय मिलाकर सबसे ज्यादा अंक लाता है और किसी एक विषय में क्वालीफाइंग नंबर से एक नंबर भी कम होता है तो वह पास नहीं होगा। ऐसे में छठी जेपीएससी के परिणाम पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
विज्ञापन में भी लिखा है कि प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के लिए अनारक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को 40%, पिछड़ा वर्ग को 34 प्रतिशत, अति पिछड़ा को 36.5 प्रतिशत और एससी-एसटी और महिला वर्ग को 32%अंक लाना अनिवार्य है। यह प्रावधान सभी लिखित परीक्षाओं (ऑब्जेक्टिव ओर सब्जेक्टिव) पर समान रूप से लागू होगा।