
भाेजपुर । कोरोना संक्रमण के काल में कई बड़े मामलों से लोगों का ध्यान हट गया है। ऐसा ही एक मामला राष्ट्रीय जनता दल के विधायक अरुण यादव से जुड़ा पटना देह व्यापार व दुष्कर्म कांड है। इस मामले में वे 13 सितंबर 2019 को कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद आठ महीने से फरार चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने भोजपुर के गड़हनी थाना के अगिआंव स्थित उनके आवास पर छापेमारी की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि विधायक वहां भूमिगत हैं। हालांकि, विधायक वहां नहीं मिले।
कुर्की जब्ती के बावजूद नहीं किया सरेंडर
आरजेडी विधायक करीब आठ महीने से फरार चल आ रहे हैं। उनके घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई हो चुकी है। बाद में अचल संपत्ति को भी जब्त करने की कार्रवाई हुई। इसके बावजूद विधायक ने सरेंडर नहीं किया है।
देर रात पत्नी के आवास पर पुलिस छापेमारी
मिली जानकारी के अनुसार भोजपुर के एसपी सुशील कुमार को सूचना मिली थी कि विधायक अरुण यादव अगिआंव स्थित अपनी पत्नी के आवास पर आकर चोरी-छिपे रह रहे हैं। इसके बाद बीती रात आरा सदर एसडीपीओ अजय कुमार, पीरो एसडीपीओ अशोक आजाद और जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में पुलिस टीम छापेमारी के लिए पहुंची थी।
आरजेडी विधायक का अगिआंव स्थित आलीशान बंगला उनकी पत्नी किरण देवी के नाम पर है। पुलिस को सूचना मिली थी कि आवास में एक तहखाना भी है। हालांकि, छापेमारी में कोई तहखाना नहीं मिला। छापेमारी के वक्त विधायक की पत्नी और दो बेटों के साथ परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे।
देह व्यापार व दुष्कर्म मामले में आरोपित हैं विधायक
विदित हो कि देह व्यापार व दुष्कर्म के एक मामले में बीते छह सितंबर 2019 को पीडि़त लड़की के कोर्ट में दर्ज बयान व पुलिस अनुसंधान में बिहार के संदेश के आरजेडी विधायक अरुण यादव का नाम आया था। इसके बाद जब 11 सितंबर 2019 को पुलिस गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट पहुंची तो वे भूमिगत हो गए। दो दिन बाद 13 सितंबर 2019 को कोर्ट से वारंट मिलने के बाद से पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है, लेकिन वे फरार हैं।