
रांची. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण पिछले डेढ़ महीने से झारखंड में सभी निर्माणकार्य बंद हैं. हालांकि अब राज्य सरकार ने आवास निर्माण को हरी झंडी दे दी है. लेकिन पेच सामानों की उपलब्धता को लेकर फंस रहा है. दरअसल सीमेंट, बालू, छड़ और हार्डवेयर की दुकानों को खोलने की छूट अब तक नहीं दी गई है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) से जुड़े लोग बिहार एवं अन्य राज्यों की तरह इन दुकानों को खोलने की मांग कर रहे हैं. इनकी मांग को देखते हुए सरकार ने इन दुकानों को रियायत देने के संकेत दिए हैं.प्रदेश में कृषि के बाद निर्माण सेक्टर से सर्वाधिक रोजगार और सरकार को राजस्व मिलता है. शायद यही वजह है कि लॉकडाउन के बाबजूद सरकार ने निर्माणकार्य को हरी झंडी दिखा दी है. अनुमान के मुताबिक राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में करीब साढ़े चार हजार प्रोजेक्ट्स कोरोना के कारण ठप पड़ गए. यदि इन प्रोजेक्ट्स में कामकाज शुरू हो जाते हैं, तो न केवल सरकार को राजस्व के रूप भारी आमदनी होगी, बल्कि बड़ी संख्या में घर वापसी कर रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा.कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कुमुद झा का कहना है कि राज्य में सरकारी एवं गैरसरकारी क्षेत्र में निर्माणकार्य में तेजी लाने के लिए वैसी ही छूट की जरूरत है जो बिहार एवं अन्य राज्यों में मिली है. उन्होंने इस सेक्टर से जुड़े तमाम दुकानों को खोलने की इजाजत देने की मांग की.वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की इस मांग को जायज बताते हुए कहा कि राज्य सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को रियायत देने के पक्ष में है.