
राज्य के सरकारी स्कूलों में बने क्वारंटाइन सेंटर को यदि मई के अंत तक दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर पढ़ाया जाएगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी जिलों को भी तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा विभाग सबसे पहले सभी उपायुक्तों से स्कूलों से क्वारंटाइन सेंटर को शिफ्ट करने की अपील करेगा। अगर कोरंटाइन सेंटर नहीं बदला गया तो संबंधित स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर पढ़ाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों से क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए स्कूलों और उसके नजदीकी स्कूलों के बारे में जानकारी मांगी गई है।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने बुधवार को सभी जिलों के एडीपीओ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। राज्य में वर्तमान में 1537 स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। विभाग ने सामान्य स्कूलों के साथ-साथ कितने आवासीय विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं और उसकी फिलहाल क्या स्थिति है, इसकी भी रिपोर्ट मांगी है।शिक्षा विभाग ने एक जून से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसमें 8वीं, 10वीं और 12वीं की पढ़ाई शुरू हो जाएगी, वहीं 15 जून से अन्य क्लास की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। एक जून से 13 जून तक स्कूलों में साफ-सफाई, सेनिटाइजेशन, टीसी वितरण और नामांकन की प्रक्रिया होगी। कई जिलों द्वारा एपीएल परिवार के बच्चों को पोशाक नहीं दिए जाने पर राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब राशि सरकार की ओर से दी गई है और वह जिलों में पड़ी हुई है तो फिर एपीएल परिवार के बच्चों को पोशाक की राशि क्यों नहीं दी जा रही है। उन्होंने जिलों से स्कूल बैग और स्कूल किट के वितरण की भी जानकारी ली।
पहली से 10वीं तक के बच्चों को नि:शुल्क किताबें देने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। पहली से पांचवी तक के बच्चों के लिए अभिभावकों को बुलाकर किताब को उपलब्ध कराया जाएगा। वही छठी से दसवीं तक के बच्चे स्कूल में ही आकर किताब ले सकेंगे। सभी को पहले अपनी पुरानी किताबें स्कूल में जमा करानी होगी। इसके बाद नई पुरानी किताबें मिलाकर उन्हें दिया जाएगा।