
रांची. लॉकडाउन के बीच झारखंड सरकार ने एक जून से सरकारी स्कूल (School) खोलने का फैसला ले लिया है. लेकिन इस पर अमल फिलहाल आसान नहीं दिख रहा. दरअसल राज्य के करीब दो हजार सरकारी स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine Center) बनाये गये हैं. इन सेंटर को हटाये बिना इन स्कूलों को खोलना संभव नहीं है. हालांकि शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने को अंतिम विकल्प के रूप में लेने का आग्रह किया है.दरअसल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को लेकर यूनिसेफ और विश्व बैंक की रिपोर्ट का अध्ययन कर इसे एक जून से खोलने का निर्णय लिया है. राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने शुक्रवार को राज्य के करीब 10 हजार शिक्षकों से वीसी के जरिए स्कूलों खोलने के मुद्दे पर चर्चा की. सरकार का मानना है कि बंद स्कूलों को यूनिसेफ और विश्व बैंक की गाइडलाइंस के आधार पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान खोले जाएं. हालांकि शिक्षा विभाग को स्कूलों में बने क्वारंटाइन सेंटर को लेकर भी परेशानी आ रही है. राज्यभर में करीब दो हजार स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर हैं. इनमें कई आवासीय विद्यालय भी शामिल हैं.राज्यभर में करीब 35 हजार सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 4400 माध्यमिक विद्यालय और 2500 आवासीय विद्यालय शामिल हैं. यहां कुल 40 लाख बच्चे पढ़ते हैं. इन स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर पढ़ाई शुरू करना बेहद कठिन होगा. माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव सुरेन्द्र झा की माने तो सरकारी स्कूलों में संसाधनों की भारी कमी है. कई स्कूलों में पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है. क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील आवासीय स्कूलों के बच्चे किस स्कूल में और कैसे पढ़ेंगे, अभी तक इसको लेकर कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है.