
रांची. झारखंड विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) बनने का रास्ता साफ हो गया है. चुनाव आयोग (Election commissin) ने 18 मार्च के अपने आदेश में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. आयोग के आदेश में लिखा है कि 6 मार्च को जेवीएम के बीजेपी (BJP) में विलय का फैसला ले लिया गया. इसकी जानकारी आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई. उसके बाद नई अपील का कोई औचित्य नहीं.आयोग ने जेवीएम के प्रदीप यादव गुट की तरफ से अपील करने वाले अध्यक्ष रामनिवास जायसवाल को 18 मार्च को स्पीड पोस्ट से आदेश की कॉपी भेज दी. बता दें कि जेवीएम के बीजेपी में विलय के एक दिन बाद यानी सात मार्च को प्रदीप यादव गुट ने जेवीएम के कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव को आयोग के पास भेजा था.झारखंड विधानसभा चुनाव में जेवीएम के तीन विधायक जीतकर आए थे. पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से बाबूलाल मरांडी ने जेवीएम का बीजेपी में विलय करा दिया. वहीं विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गये. जिसके बाद पार्टी पर अपने दावे को लेकर दोनों विधायक आयोग की चौखट पर गये थे.आयोग के फैसले पर संतोष जताते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक ही पार्टी का दो बार विलय कैसे हो सकता है. नियम के अनुसार जेवीएम का बीजेपी में विलय हुआ और इसकी जानकारी आयोग को भी दी गई. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने वीडियो जारी कर तत्काल बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष घोषित करने की मांग स्पीकर से की है. वहीं जेएमएम ने 10 वीं अनुसूची का हवाला देते हुए बाबूलाल मरांडी से इस्तीफे की मांग की है.