
पटना । लॉकडाउन के दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार प्रवासी श्रमिकों काे लेकर अमानवीय व तानाशाह बन गई है। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताया है। साथ ही नीतीश सरकार को कोरोना से भी खतरनाक आपदा करार दिया है।
श्रमिकों के लिए अमानवीय बन गई है राज्य सरकार
अपने ट्वीट में तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार अमानवीय और तानाशाह बन गई है। उसने पहले श्रमिकों को मुफ्त यात्रा का आश्वासन दिया। फिर शर्त लगा दी कि क्वारंटाइन सेंटर से निकलने के बाद किराया के साथ पांच सौ रुपये देंगे। अब सरकार कह रही है कि हमारी खामियां दुनिया को मत बताओ, अन्यथा पैसे नहीं देंगे।
हक मांगने पर हजार रुपये से वंचित करने का फरमान
विदित हो कि क्वारंटाइन सेंटर में असुविाधाओं से नाराज लोगों के लगातार हो रहे हंगामे के बाद सरकार ने यह निर्देश दिया है कि वहां हंगामा करने वाले लोगों को किराया का भुगतान नहीं किा जाएगा। तेजस्वी का ट्वीट इसी को लेकर सरकार पर हमला है। तेजस्वी लिखते हैं कि केवल हक मांगने पर हजार रुपये से वंचित करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। आखिर सच्चाई से भागते क्यों हैं?
भ्रष्टाचार की गंगोत्री बना आपदा प्रबंधन विभाग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए तेजस्वी एक अन्य ट्वीट में लिखते हैं कि विपदा की इस घड़ी में वे अप्रवासियों के लिए आफत और भ्रष्टाचार की गंगोत्री बन चुके आपदा प्रबंधन विभाग को बोलें कि भ्रष्टाचार कम और सेवा भाव अधिक रखे। विभाग गरीबों को राहत कम, लानत अधिक दे रहा है। मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए लिखा है कि यह विभाग उनके पसंदीदा बाबुओं के लिए संपदा सृजन विभाग बन चुका है।
माननीय @NitishKumar जी,इस विपदा की घड़ी में अप्रवासियों के लिए आफ़त और भ्रष्टाचार की गंगोत्री बन चुका आपदा प्रबंधन विभाग को बोलिए कि भ्रष्टाचार कम और सेवा भाव अधिक रखे।यह ग़रीबों को राहत कम लानत ज़्यादा दे रहा है। आपदा विभाग आपके पसंदीदा बाबुओं के लिए संपदा सृजन विभाग बन चुका है।
कहा- कोरोना से भी बड़ी आपदा बनी बिहार सरकार
तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि बिहार के लोग इन दिनों सदी की सबसे बड़ी आपदा कोरोना की महामारी के साथ उससे भी बड़ी आपदा बनी बिहार सरकार से भी जूझ रहे हैं। इस मामले में विफलता के कारण सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है।
राहत व मूलभूत संरचना में सुधार पर ध्यान नहीं
अपने ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार कोरोना संक्रमण के मामले में बेतुके प्रबंधन में लगी है। साथ ही उसका ध्यान केवल आंकड़ों पर है। अगर उसने स्वास्थ्य विभाग की आाधारभूत संरचना में सुधार तथा राहत कार्यों पर 10 फीसद भी ध्यान दिया होता तो स्थिति बेहतर होगी। अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि आखिर वे सच को कब तक दबा पाएंगे?