
सरकार ग्रामीण विकास विभाग के झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) के अधीन काम करने वाले महिला उत्पादक समूह को आठ-आठ हजार रुपये देगी। ये इस राशि से सब्जी, फल व अन्य तरह की खेती कर पाएंगी और अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगी। विश्व बैंक ने सरकार को 197 करोड़ रुपये दिया है। साथ ही मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा मंगलवार को एक एप लांच किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इस संबंध में सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य में 3200 महिला उत्पादक समूह हैं। जोहार योजना के तहत राज्य में काम चल रहा है। विश्व बैंक ने 197 करोड़ रुपये स्किल डेवलपमेंट के तहत रोजगार का अवसर दिलाने के लिए राशि दी है। इन महिला समूह को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 116 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हर समूह को आठ-आठ हजार रुपये दिए जाएंगे। जिससे वह खेती, अंडा व मछली उत्पादन आदि काम कर सकेंगे।ग्रामीण विकास मंत्री ने बाताया कि मजदूरों के पंजीकरण के लिए मंगलवार को एक एप लांच किया जाएगा। इसमें स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर को पंजीकृत किया जाएगा। अनस्किल्ड लेबर को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। स्किल्ड लेबर को उनके क्षमता के अनुसार काम मुहैया कराने का प्रयास किया जाएगा। इससे मजदूरों के हुनर का उपयोग हो सकेगा। सरकार के पास स्किल्ड औऱ अन स्किल्ड लेबर का आंकड़ा भी आ जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक से मिली राशि महिला उत्पादकता समूह को बढ़ाने के अलावा स्किल्ड मजदूरों को रोजगार का अवसर मिले इस दिशा में खर्च किया जाएगा।