
झारखंड के जिलों या प्रखंडों में शिक्षकों की अनियमित प्रतिनियुक्त रद्द होगी। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक आदित्य कुमार आनंद ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। साथ ही, अनियमित रूप से प्रतिनियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। प्रतिनियुक्ति रद्द किए बिना किसी शिक्षक का वेतन भुगतान होता है तो निकासी व व्ययन पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से इसके लिए जवाबदेह माने जाएंगे और उनपर कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि जिलों से ऐसी सूचना मिल रही थी कि बिना अधिकारियों की अनुमति के शिक्षकों को जिले के दूसरे विद्यालय या दूसरे जिलों के विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। साथ ही शिक्षकों की लंबी प्रतिनियुक्ति अन्य प्रशासनिक कार्यालयों के कार्यों के लिए भी की जा रही है। ऐसा करना सरकार के आदेशों की अवहेलना और शिक्षा के उद्देश्यों के विपरीत है। प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) उपायुक्त % के अनुमोदन और जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेश से दूसरे विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं। जिन विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं, वहां भी अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया जा सकता है। बीईईओ अधिकतम एक माह और प्रशासनिक कारणवश से उपायुक्त अधिकतम तीन माह तक किसी भी शिक्षक का प्रतिनियोजन कर सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के आदेश से भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति हो सकती है। किसी भी जिले में कोई भी शिक्षक या शिक्षिका निर्देशों के विपरीत प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत न हों यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। अगर ऐसे शिक्षक और शिक्षिका हैं तो तत्काल प्रभाव से उनका प्रतियोजन रद्द करने का निर्देश दिया गया है।