
आरा। ईद को लेकर सेवइयों की दुकानें सज गई हैं। शहर के विभिन्न चौक-चौराहें पर सेवइयों की अस्थाई दुकानों से लोग सेवइयां खरीद रहे हैं। लेकिन इस बार कोरोना को लेकर जारी लॉक डाउन का इस पर व्यापक असर दिख रहा है। गत सालों की अपेक्षा सेवइयों की मांग कम है। शहर के मिल्की मुहल्ला, जगजीवन मार्केट, शीश महल चौक समेत अन्य स्थानों पर सेवइयों की अस्थाई दुकानें सज गई हैं। दुकानदार सोनू के अनुसार लच्छा 120 रुपया से 140 रुपया, बनारसी सेवई 120 रुपया और जेनरल सेवई 70 रुपया किलो है। ये सभी सेवइयां पटना व बनारस से आई हैं। सोनू के अनुसार लॉकडाउन के कारण व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। गाड़ियों के नहीं चलने के कारण गांव के लोग मार्केंट नहीं आ रहे हैं। इसलिए पिछले सालों की अपेक्षा ग्राहकों की तादाद कम है।
रमजान व ईद को ले बाकरखानी की मांग बढ़ी
रमजान व ईद को लेकर बाकरखानी की मांग बढ़ी है। मिल्की मुहल्ला समेत अन्य स्थानों पर बाकरखानी के अलावा सिरमाल व नान रोटी की भी मांग है। इस व्यवसाय से जुड़े मुनन और हीरा के अनुसार बाकरखानी दस रुपए से लेकर 150 रुपए तक का है। दस रुपए और 20 रुपए की जेनरल बाकरखानी है। जबकि स्पेशल बाकरखानी की कीमत 60 रुपये, 80 रुपये, 100 रुपये और 150 रुपये है। इसमें खोआ, बादाम, काजू व शुद्ध घी है। सिरमाल की कीमत 20 रुपये से लेकर 30 रुपये तक है। वहीं नान रोटी की कीमत 10 रुपये, 15 रुपये और 20 रुपये है। मुनन और हीरा के अनुसार लॉक डाउन का प्रतिकूल असर इस व्यवसाय पर पड़ा है। गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ग्राहकों की भीड़ कम है।