
दुमका. जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में तैनात चार अस्थायी लिपिकों (Temporary Clerks) ने खुद को स्थायी लिपिक बताकर 49.5 लाख की अवैध निकासी कर ली. उपायुक्त द्वारा गठित जांच टीम ने अवैध निकासी का मामला उगाजर किया, जिसके आधार पर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार सिंह के निर्देश पर गुरूवार की शाम अवर प्रमंडल शिक्षा पदाधिकारी छक्कू लाल ने लिपिक मनोज कुमार साह, संतोष मंडल, मो. इश्तेखार व शशि भूषण श्रीवास्तव के खिलाफ नगर थाने में मामला (FIR) दर्ज कराया है. इश्तेखार को एसीबी (ACB) की टीम ने पिछले माह एक लाख रुपया घूस लेते हुए पकड़ा था और वह अभी जेल में है.प्राथमिकी में कहा गया कि चारों आरोपी लंबे समय से अस्थायी लिपिक के रूप में काम कर रहे हैं. कुछ साल पहले इन लोगों ने फर्जीवाड़ा कर खुद को स्थायी लिपिक बना लिया. और इसी आधार पर वेतन की निकासी कर ली. चारों की नियुक्ति वैध नहीं है. जिस तरह से वेतन की निकासी की है, वह पूरी तरह से न्याय संगत नहीं है.
डीसी के आदेश पर तीन सदस्यीय टीम ने की जांच :पिछले साल इस फर्जीवाड़े की जानकारी शिक्षा विभाग के निदेशक को मिली थी. उन्होंने उपायुक्त को पत्र भेजकर जांच कराने को कहा था. उपायुक्त के निर्देश पर पदाधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम ने पूरे मामले की जांच कर चारों को धोखाधड़ी करने का आरोपी पाया. टीम से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उपायुक्त ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार सिंह को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था. आरडीडीई के निर्देश पर अवर प्रमंडल पदाधिकारी ने नगर थाना में मामला दर्ज कराया है. इस बात पर नगर थाना प्रभारी संजय कुमार मालवीय ने कहा कि चारों के खिलाफ 49.5 लाख रुपया की अवैध निकासी का मामला दर्ज किया गया है.