
प्रोजेक्ट विद्यालयों में दो लिपिकों की गलत तरीके से नियुक्ति कर कोषागार से 49.53 लाख की अवैध निकासी मामले में पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय और वर्तमान जिला शिक्षा अधीक्षक पूनम कुमारी की भी संलिप्तता पाई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में यह खुलासा हुआ है। वर्ष 2017 में दुमका के डीईओ रहे धर्मदेव राय अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जांच में पता चला है कि बालिका उच्च विद्यालय काठीकुंड में पदस्थापित लिपिक मनोज साह की नियुक्ति तिथि में बैकडेटिंग कर साक्ष्यों से छेड़छाड़ की गई है। दोनों की नियुक्ति संबंधी आदेश तत्कालीन डीईओ धर्मदेव राय द्वारा निर्गत किया गया था। वर्तमान डीईओ दुमका द्वारा काठीकुंड में पदस्थापित लिपिक मनोज साह का वेतन रोक के बावजूद भी भुगतान किया गया है। जांच टीम ने रिपोर्ट में कहा कि इस प्रकरण में वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी दुमका की भी संलिप्तता पाई गई है। दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने तत्कालीन एवं वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक संताल परगना प्रमंडल दुमका को पत्र भेजा है। बता दें कि जालसाजी,अवैध निकासी और सरकारी राशि गबन में चार लिपिकों के विरुद्ध गुरुवार को केस दर्ज हुआ है।