
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को अविलंब ओपीडी शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पतालों को ओपीडी बंद करने का आदेश ही नहीं था। बावजूद इसके अस्पतालों प्रबंधनों ने अपनी मर्जी से ओपीडी बंद कर दिया। प्रधान सचिव शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी।
राज्य के एक भी जिले रेड जोन में नहीं : डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि केंद्र द्वारा तय मानकों के अनुसार फिलहाल राज्य में एक भी जिले रेड जोन में नहीं हैं। रेड जोन के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं। जिसमें महज एक जिला गढ़वा का पॉजिटिविटी रेट 3.55 प्रतिशत है, जबकि तय मानक 2 फीसदी है। दूसरा यह है कि रेड जोन के लिए जिले में एक्टिव केस की संख्या 200 से ज्यादा होनी चाहिए। जो हमारे किसी भी जिले में नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य के 21 जिले ऑरेंज जोन में हैं जबकि तीन जिले खूंटी, पाकुड़ और साहिबगंज ग्रीन जोन में हैं। यहां अभी तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य में दूसरे प्रदेशों से लौट रहे सभी लोगों की जांच संभव नहीं है। इसलिए जो लोग हॉटस्पॉट से लौट रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। अब तक सर्वाधिक संक्रमण मुंबई से लौटने वालों में मिला है। वहां से लौटने वाले एक प्रतिशत लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। डॉ कुलकर्णी ने बताया कि अब तक राज्य में दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले 19686 लोगों की जांच की गई है। जिसमें सर्वाधिक 9378 मुंबई से लौटे हैं। गुजरात से लौटने वालों में संक्रमण का प्रतिशत .86, दिल्ली वालों में .56, हैदराबाद से आने वालों में.13 जबकि कोलकाता से लौटने वाले .6 एवं छत्तीसगढ़ से लौटने वाले .4 फीसदी लोगों में संक्रमण मिला है.राज्य में फिलहाल मृत्युदर पिछले सप्ताह की 1.38 से घटकर .73 हो गई है। जबकि ग्रोथ रेट बढ़ गया है। प्रधान सचिव ने बताया कि नेशनल ग्रोथ रेट 5.4 है जबकि राज्य में यह दर 6.1 फीसदी है। वहीं डबलिंग रेट भी राष्ट्रीय स्तर पर 13.18 है जबकि झारखंड में 11.6 है। राज्य में रिकवरी रेट 44.2 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 106 कंटेनमेंट जोन हैं, जिसमें एक लाख 958 हाउसहोल्ड हैं। जिसमें से 19299 सैंपलों की जांच की गई है। जिसमें 198 पॉजिटिव केस मिले हैं।