
शुक्रवार की तरह शनिवार को भी बीसीसीएल में स्पॉट ई-ऑक्शन को अच्छा रिस्पांस नहीं मिला। 1.11 लाख टन कोयले का ऑफर था, लेकिन 65 हजार 750 टन कोयला नहीं बिका। स्लरी के ऑक्शन में भी मुनीडीह को छोड़ बाकी जगह ई-ऑक्शन में नरमी देखने को मिली। खास बात यह रही कि इस मंदी में भी गोधर के कोयले की सबसे ऊंची बोली लगी। गोधर में 3312 रिजर्व प्राइस था, लेकिन 3922 तक प्रतिटन कोयले की बोली लगी। बेनीडीह और बांसजोड़ा में भी पूरा कोयला बिका और रिजर्व प्राइस से ज्यादा पर। दोनों जगह रिजर्व प्राइस 3147 था, लेकिन बेनीडीह का का कोयला 3547 तथा बांसजोड़ा का कोयला 3668 तक पर बुक हुआ। बेनीडीह, नंदखरकी, मुराईडीह, बांसजोड़ा, गोधर का लगभग पूरा कोयला बुक हो गया। बाकी कोलियरियों में लगभग 65 हजार टन तक कोयला रखा रह गया। इसी तरह मुनीडीह को छोड़ पाथरडीह, दुग्दा एवं भोजूडीह की स्लरी रखी रह गई। मालूम हो 1.27 लाख टन स्लरी का ऑफर था लेकिन 86 हजार 400 टन स्लरी की बुकिंग नहीं हुई।मामले पर कई कोयला व्यवसायियों ने कहा कि कोयले की मांग में कमी तथा लोडिंग को लेकर परेशानी के कारण कोयले की बुकिंग प्रभावित है। जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होगा एवं कोयले की रोड सेल से धुलाई निर्बाध नहीं होगी, तब तक बाजार ठंडा रहेगा। बीसीसीएल की ओर से कई जगह पर तेल ऑर्डर से लोडिंग का विकल्प दिया गया है लेकिन लोडिंग के दौरान तेल आर्डर को लोडिंग प्वाइंट पर काम करनेवाले मजदूर स्वीकार करेंगे या नहीं यह बड़ा सवाल है।