
सेल चासनाला कोलियरी की डीप माइंस में हुई दुर्घटना को प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है। प्रबंधन ने हादसे की जांच के लिए आंतरिक कमेटी बनाई है। जांच रिपोर्ट आने तक कोलियरी के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।सेल प्रबंधन की ओर से शनिवार की शाम को बताया गया कि आंतरिक जांच समिति पता लगाएगी कि हादसा कैसे हुआ। साथ ही घटना की पुनरावृत्ति रोकने का भी सुझाव देगी। प्रबंधन के अनुसार ऐसे हुई घटना: सेल चासनाला के सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) अजय कुमार ने बयान में कहा कि 22 मई की रात 8.30 बजे मेसर्स कोल माइनिंग डेवलपमेंट के ठेका सुपरवाइजर (मुंशी) महताब आलम अपनी टीम के साथ खदान के ढलान में जाम कोयला को हटाने के तरीके बता रहे थे। इसी बीच उन्होंने संतुलन खो दिया। खिसकते हुए कोयले की चपेट में आ गए। इससे उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। उन्होंने बताया कि डीजीएमएस ने भी निरीक्षण कर लिया है। निरीक्षण के पश्चात खनन की प्रक्रिया शुरू कर ली गई है। अजय कुमार राय ने कहा कि मृतक के परिजन के लिए मुआवजा की व्यवस्था कर दी गई है। कंपनी के नियमों के अनुसार मृतक के परिजनों को हितों को ध्यान में रखा जाएगा।मैनपावर को भेजा जाना लापरवाही है। कोल लोडिंग चिमनी जिसे कोल ट्यूब भी कहा जाता है, वहीं से मृत कोयलाकर्मी फंसे कोयले के साथ लोडिंग प्वाइंट में जाकर गिर गया। उक्त स्थान पर काफी कोयला रहता है, जिसे पानी के प्रेशर से लोडिंग प्वाइंट तक भेजा जाता है। बताया गया कि इस तरह की घटना पिछले 15 साल में चार बार उक्त खदान में घट चुकी है। बावजूद सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई।
रूफफॉल से हादसा नहीं : चासनाला खदान में शुक्रवार रात को घटी घटना रूफफॉल (चाल गिरने) की वजह से नहीं घटी है। इसकी पुष्टि प्रारंभिक जांच के बाद डीजीएमएस की टीम ने की है। रीजन टू के निदेशक एमडी मिश्रा के नेतृत्व डीजीएमएस टीम ने चासनाला माइंस का शनिवार को निरीक्षण किया। मिश्रा बोले कि चाल धंसने का कोई साक्ष्य नहीं है। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। इधर खदान से जुड़े सूत्र ने बताया कि जहां पर घटना घटी, वहां मैनपावर को जाने की इजाजत नहीं है।