
रांची: झारखंड हाई कोर्ट में नियुक्ति में आरक्षण देने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील याचिका पर अब 10 दिसंबर को सुनवाई होगी। गुरुवार को मामले में अदालत में आंशिक सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। मामले की आंशिक सुनवाई के बाद अदालत ने 10 दिसंबर का समय निर्धारित किया है।
दरअसल अखिलेश प्रसाद व मनोज कुमार की संयुक्त बिहार में नियुक्ति हुई थी। लेकिन झारखंड राज्य बनने के बाद इन्होंने झारखंड कैडर का चयन किया। इस बीच विभागीय लोगों के लिए डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला गया। इसमें इन लोगों ने भी आवेदन किया था। विज्ञापन में यह शर्त थी कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को झारखंड का जाति प्रमाण पत्र जमा करना होगा। अखिलेश प्रसाद ने कोई दस्तावेज नहीं दिया। लेकिन मनोज कुमार ने यहां का जाति प्रमाण पत्र जमा किया था। पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में सरकार का कहना है कि इन्हें प्रोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है।
लेकिन यह नई नियुक्ति है। इसलिए इन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। बात दें एकल पीठ ने अपने आदेश कहा था कि राज्य गठन के बाद इन्होंने झारखंड कैडर का चयन किया है तो उसी आधार पर इन्हें आरक्षण मिला है। इसलिए विभागीय नियुक्ति में भी इन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में याचिका दाखिल की है। इस मामले में जेपीएससी का कहना है कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।