
धनबाद : 43600 से अधिक वेतन पानेवाले रेल कर्मचारियों के रात्रि भत्ते पर लगी रोक के खिलाफ एक बार आंदोलन शुरू हो गया है। शुक्रवार को इसे लेकर ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने धनबाद स्टेशन से डीआरएम ऑफिस तक पैदल मार्च किया। इसके बाद डीआरएम ऑफिस के मेन गेट पर धरना पर बैठ गए।
एसोसिएशन से जुड़े स्टेशन मास्टरों ने कहा कि रात्रि भत्ता के सीलिंग में बदलाव से देशभर के 39 हजार स्टेशन प्रभावित हो गए हैं। उनके समर्थन में ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (अलारसा) भी धरना में शामिल हुआ है।
अलारसा से जुड़े रेलवे के चालक और गार्ड ने कहा कि रेलवे के फैसले से हजारों रनिंग कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। कहा कि कर्मचारियों के विरोध के बाद रेलवे ने जुलाई 2017 से भुगतान किये गए भत्ते की रकम के कटौती का आदेश वापस ले लिया। पर अब तक रात्रि भत्ते की सीलिंग में बदलाव संबंधी आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे रेलवे की रनिंग कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। कोरोना काल में भी पूरी जिम्मेवारी व लगन से सभी कर्मचारियों ने कार्य किया है।
कोरोना काल में जान जोखिम में डाल कर कार्य का परिणाम कर्मचारियों के फेवर में होना चाहिए। कर्मचारियों के अंदर रेलवे के निजीकरण को लेकर भी गुस्सा था। इसे लेकर रेल कर्मचारियों ने अपना आक्रोश प्रकट किया। और इस पर पुनर्विचार करने पर बल दिया। रात्रि भत्ते के साथ-साथ रेलवे के निजीकरण को लेकर भी कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।