
पटना: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का देशव्यापी आंदोलन जारी है। एक ओर दिल्ली में किसान लगातर आंदोलन पर डटे हैं तो वहीं बिहार में महागठबंधन ने किसानों के मसले पर शनिवार को धरना देकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानून के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान किसान संगठनों की ओर से किया गया है। किसानों के भारत बंद के समर्थन में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव भी कूद गए हैं।
पप्पू यादव ने कहा किसानों का आंदोलन सीएए या एनआरसी का आंदोलन नहीं कि सरकार हिंदू-मुसलमान करके कानून पारित करा लेगी। यह किसानों का आंदोलन है और देश का किसान मजदूर जब एकजुट हो जाता है तो सरकार को अपना फैसला पलटने के लिए मजबूर कर देता है। उन्होंने कहा कि यदि सीएए और एनआरसी संविधान बचाने का आंदोलन था तो किसान आंदोलन जान बचाने का आंदोलन बन चुका है। सरकार को देर से ही सही आज नहीं तो कल इस किसान विरोधी कानून को वापस लेना ही पड़ेगा।
रविवार ( 6 दिसंबर) को पप्पू यादव ने ऐलान किया 8 दिसंबर के प्रस्तावित बन्द को वे अपना समर्थन दे रहे हैं। उस दिन पार्टी कार्यकर्ता और नेता सड़कों में उतरेंगे और कृषि कानून वापस लेने की आवाज बुलंद करेंगे। केंद्र सरकार देश के किसानों के साथ अन्याय कर रही है। जो किसान देश की भूख मिटाता है वही किसान आज अपने हक के लिए सड़कों पर आंदोलन को मजबूर है।
कृषि कानून के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर के प्रस्तावित बंद को राजद ने सक्रिय समर्थन दिया है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि आलाकमान से विमर्श करने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पार्टी के सभी इकाइयों को बंद में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता द्वारा इस आशय का पत्र राज्य के सभी इकाइयों को भेज दिया गया है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने अन्य प्रदेशों में राजद के अध्यक्षों को भी पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे सक्रिय भागीदारी के साथ बंद को सफल बनाएं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद का स्पष्ट मानना है कि किसानों का यह आंदोलन परोक्ष रूप से गांव बचाने के साथ ही देश की आत्मा को भी बचाने का आंदोलन है।