
पटना सिटी में एक बार फिर शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है नौकरी के नाम पर खुद के अपहरण की सजिश रचने वाला मामला राजधानी पटना से सामने आया है। सुल्तानगंज पुलिस ने भागलपुर के कजौली निवासी वासुदेव प्रसाद मोदी के पुत्र जीतेंद्र कुमार के अपहरण की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। प्रभारी थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने पुरे मामले की जानकारी दी।
प्रभारी थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि वासुदेव प्रसाद ने गुरुवार को सुल्तानगंज थाने में दिए बयान में बताया था कि उनका पुत्र जीतेंद्र पटना परीक्षा देने गया था। परीक्षा खत्म होने के बाद लौटा ही नहीं। उसने पुत्र केअपहरण होने की बात कही। अपहर्ताओं ने दो मोबाइल फोन से जीतेंद्र को छोड़ने के एवज में दस लाख की फिरौती मांगी।
जांच में जुटी पुलिस को छान बिन के दौरान पता चला कि जीतेंद्र नाला रोड में रहने वाले दोस्त के यहां बैग व मोबाइल छोड़ आया है। इसके बाद दोस्त से बैग घर ले जाने को कहा गया।
बैग ले जाने के लिए वैशाली का हिमांशु तथा सीमांत आर्य दोस्त के घर पहुंचे। पुलिस ने दोनों को पकड़कर पूछताछ की। दोनों दोस्त पटेल छात्रावास में रहने वाले बताए जाते हैं। इधर, अचानक अगवा युवक जीतेंद्र अगमकुआं थाने पहुंच गया।
प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि तफ्तीश से पता चला कि सिपाही की नौकरी के लिए जीतेंद्र प्रयासरत था। परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र को लेकर श्याम गौड़ से एक लाख पर बातचीत की थी।
एक लाख रुपये लॉकडाउन से पहले ही उसे देना था। लॉकडाउन के बाद भागलपुर से जीतेंद्र जब पटना पहुंचा तो मित्रों ने बकाया एक लाख रुपये देने की बात कही। तब दोस्तों के साथ मिलकर जीतेंद्र ने दस लाख रुपये मंगाने के लिए स्वयं के अपहरण की साजिश रच डाली।जिसे पुलिस ने पुरे मामले को दर्ज कर छान बिन शुरू कर दी थी