
पश्चिम चंपारण: रामनगर प्रखंड के देवराज के सबेया ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन नहीं बन सके हैं। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के पांच साल का यह कार्य काल भी पूरा होने वाला है । सरकार हर पंचायत में पंचायत सरकार भवन स्थापित करने का दावा करती है। लेकिन अल्पसंख्यक बहुल्य इन पंचायतों में पंचायत सरकार भवन नहीं बनने से विकासात्मक कार्यों में काफी विलंब व परेशानी हो रही है।
सरकार का सपना था कि ग्रामीणों को अपने स्थानीय कार्यों हेतु जगह-जगह नहीं घूमना पड़े। एक ही छत के नीचे, मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव , राजस्व कर्मचारी , न्याय मित्र , आवास सहायक, विकास मित्र आदि बैठैं। सरकार के इन अंगों द्वारा गंवई जनता का अधिक से अधिक विकास हो। इस उद्देश्य के निमित्त प्रस्तावित पंचायत सरकार भवन आज भी देवराज की जनता के लिए सपना ही बना हुआ है।
पंचायत सरकार भवन के अभाव में गांवों की जनता को शहरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। काफी खोजने के बाद भी ये पदाधिकारी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इस कारण स्थानीय जनता में सरकार की उदासीनता के कारण नाराजगी भी है। वहीं स्थानीय पदाधिकारियों का ब्यान है कि इन पंचायतों में सरकारी भूमि की खोज की जा रही है।
लेकिन पदाधिकारियों की इन बातों से जनता आश्वस्त नहीं है क्योंकि लोगों का मानना है का किस प्रकार भूमि चिन्हित किया जा रहा है कि पांच सालों में भी भूमि नहीं मिल सकी । बीडीओ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिन पंचायतों में निर्माण नहीं हुआ है, वहां भूमि का अभाव है। इस दिशा में उचित पहल किया जा रहा है।