
बिहार के गोपालगंज में एक प्रेमिका की इच्छा पूरी करने के लिए युवक बना लुटेरा. जिसके बाद आशिक को आंबेडकर चौक पर देख लोगो ने आओ ने देखा ताव बस एक्शन स्टाइल में पीटते हुए उसे नगर थाने की पुलिस को सौंप दिया. पुलिस पूरे मामले की जांच करने में जुटी है. गैंग में कई अन्य अपराधियों के शामिल होने की संभावनाओं को भी खंगाला जा रहा है.
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया थाना क्षेत्र के चांद परसा निवासी शशि कुमार सिंह अपनी प्रेमिका इंटर की छात्रा की फरमाइश पूरी करने के लिए लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहा था. पिता किसान है. वह खुद इंटर का छात्र है. गुरुवार को भी लूट की घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचा था. सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार व चंदन कुमार उससे पूछताछ कर रहे हैं. पुलिस के सामने उसने खुद को रुपये लूटने वाले गैंग का सदस्य होने की बात स्वीकारी.
पिछले 10 नवंबर को हजियापुर निवासी स्व ध्रुपनाथ प्रसाद की पत्नी नीलम देवी मौनिया चौक स्थित स्टेट बैंक मेन ब्रांच से रुपये की निकासी करने आयी थी. खाते से 49 हजार रुपये निकाल बैंक में ही मिलान करने लगी. इसी बीच शशि कुमार सिंह आया दो लाख रुपये का बंडल बताते हुए कागज की गड्डी थमा दी. जरूरी कार्य के लिए किसी को पैसे देने की बात का कहकर 49 हजार रुपये लेकर बैंक से गायब हो गया.
उक्त महिला के पुत्र जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने उसे पहचान लिया था. इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय ने बताया कि गिरफ्तार लुटेरे के कई साथियों के होने की बात सामने आयी है. उसके पकड़े जाने के बाद से लगभग 22 संदिग्धों के द्वारा उसे कॉल किया गया है. पुलिस मोबाइल के कॉल को ट्रेस कर रही है.